पंडित पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज । जीवन के तीसरे पड़ाव पर मैंने ग्रामांचल डिग्री कालेज का दिवा जीवन के तीसरे पड़ाव पर मैंने ग्रामांचल डिग्री कालेज का दिवा स्वप्न देखा था जो आज गुजरते वक्त के साथ आपके समक्ष साकार रूप में आपकी समक्ष साकार रूप में तत्पर है। अनुकरणी अनुशासन, मनो वैज्ञानिक शिक्षा पद्धति, संस्कारित एवं सुयोग अध्यापक तथा श्रेषठ प्रदशर्न के चार स्तम्भों पर स्थापित यह महाविधालय जनपद और राज्य से आगे बढकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा। इन उपब्धियों के मूल में आप सबका सहयोग और विश्र्वास ही लगा हुआ इसी तरह यह संस्था आगे बढती रहे, यही मेरा आशिर्वाद हैं।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की मंगलभावनाओ में भरी हुई यह विवरणिका आपके लिए प्रस्तुत है।
With best wishes!
प्रसिद्ध नारायण त्रिपाठी
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